अपनी बात

आस पास कि परिस्थितियो, अनुभवो, माहौल को देखकर मन मे उत्पन भावो को शब्दो मे ढालने की असफल कोशिश।

गुरुवार, मई 28, 2015

मनुष्य की कीमत

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लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है ?” ...
सोमवार, मई 18, 2015

आम जिन्दगी के आम पहलु

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एक बार में अपने एक मित्र का तत्काल केटेगरी में पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट ऑफिस गया था। लाइन में लग कर हमने पासपोर्ट का तत्काल फार्म लिया,...
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शुक्रवार, फ़रवरी 14, 2014

स्वर्ग

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एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ सड़क पर चल रहा था. जब वे एक विशालकाय पेड़ के पास से गुज़र रहे थे तब उनपर आसमान से बिजली गिरी और वे ती...

करवा का व्रत

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कन्हैयालाल अपने दफ्तर के हमजोलियों और मित्रों से दो तीन बरस बड़ा ही था, परन्तु ब्याह उसका उन लोगों के बाद हुआ। उसके बहुत अनुरोध करने पर भी ...
शनिवार, जून 29, 2013

मन की शांति

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एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना च...
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गिरीश सिंह
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