एक बार मायावती, आडवाणी और लालू जी एक आटो मे सफर कर कही जा रहे थे। रास्ते मे एक दुर्घटना मे तीनो की मौत हो जाती है। यमलोक मे यमराज उनका इन्तजार कर रहे थे । वो पहले से तय कर चुके थे कि मायावती, आडवाणी को वे स्वर्ग मे और लालू जी को नरक मे भेजेगे। जब उन्होने अपना ये निर्णय तीनो को सुनाया तो लालू जी यमराज के इस निर्णय से संतुष्ट न थे। उन्होने से कहा महाराज आप इस तरह का भेदभावपूर्ण निर्णय क्यो ले रहे है? हम सभी ने जनता की सेवा कि है, घूस ली है, लोक सेवापद का दुरुपयोग किया है। फिर ये अन्याय मेरे हि साथ क्यो कर रहे है। मेरा मानना है कि आप किसी परीक्षा या ठोस आधार पर ये निर्णय ले।
यमराज मान गये और सभी कि अंग्रेजी कि परीक्षा लेने को कहा । मायावती जी को इन्डिया (India) का शब्द-विन्यास (spell) करने को कहा गया जो उन्होने आसानी से कर दिया। आडवाणी जी को इग्लैड का शब्द-विन्यास करने को कहा गया उन्होने भी आसानी से कर दिया। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी को चैकोस्लोवाकिया (Czechoslovakia) का शब्द-विन्यास करने को कहा गया। लालू जी का वैसे हि अंग्रेजी मे हाथ-मुँह तंग था तो उनसे चैकोस्लोवाकिया का शब्द-विन्यास ना हो सका और फेल होने पर मजबूर होना पडा।
लालू जी ने यमराज से कहा महाराज आप ने मुझसे कठिन सवाल पूछा जो सही नही था। आप कोई और परीक्षा ले ले। यमराज मान गये और इस बार हिन्दी कि परीक्षा लेने को कहा, लालू जी खुश थे कि हिन्दी कि परीक्षा तो वे आसानी से पास कर लेगे।
मायावती जी को कहा गया लिखो – “कुत्ता बोला भौ भौ “ उन्होने आसानी से लिख दिया। आडवाणी जी को कहा गया लिखो – “चिडिया बोली ची ची “ उन्होने भी आसानी से लिख दिया। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी को कहा गया लिखो – “ गधा दौडा तबडक तबडक”। दूबारा कठिन सवाल पूछा गया, इस बार भी फेल ।
लालू जी अब भी खुश न थे । इतिहास के छात्र होने के कारण लालू जी ने अन्तिम परीक्षा इतिहास विषय पर लेने को कहा । यमराज मान गये चलो लालू जी को एक अन्तिम मौका दे देते है लेकिन उन्होने लालू जी को बता दिया कि इसके बाद कोई अन्य परीक्षा नही होगी और लालू जी को इस परीक्षा का निर्णय मानना हि पडेगा।
मायावती जी से पूछा गया – भारत देश कब आजाद हुआ ? उन्होने उतर दिया महाराज 1947 मे। इस परीक्षा मे भी पास। आडवाणी जी से पूछा गया – जलियावाला बाग कत्लेआम के लिये कौन जिम्मेदार था? उन्होने उतर दिया महाराज जनरल डायर। वे भी इस परीक्षा मे भी पास। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी से पूछा गया - आप उन सभी लोगो के नाम बताओ जो जलियावाला बाग कत्लेआम मे मारे गये ?
लालू जी ने अपनी हार स्वीकार कर ली और नरक मे चल दिये ।
शिक्षा : अगर आपके बास को लगता है आपका दिमाग ठिक से काम नही करता है तो आपको इस तथ्य को स्वीकारना ही होगा और भविष्य मे आने वाले बदलावो के लिये तैयार रहना पडेगा । इस तथ्य से भागने का कोई तरीका नही है।
यमराज मान गये और सभी कि अंग्रेजी कि परीक्षा लेने को कहा । मायावती जी को इन्डिया (India) का शब्द-विन्यास (spell) करने को कहा गया जो उन्होने आसानी से कर दिया। आडवाणी जी को इग्लैड का शब्द-विन्यास करने को कहा गया उन्होने भी आसानी से कर दिया। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी को चैकोस्लोवाकिया (Czechoslovakia) का शब्द-विन्यास करने को कहा गया। लालू जी का वैसे हि अंग्रेजी मे हाथ-मुँह तंग था तो उनसे चैकोस्लोवाकिया का शब्द-विन्यास ना हो सका और फेल होने पर मजबूर होना पडा।
लालू जी ने यमराज से कहा महाराज आप ने मुझसे कठिन सवाल पूछा जो सही नही था। आप कोई और परीक्षा ले ले। यमराज मान गये और इस बार हिन्दी कि परीक्षा लेने को कहा, लालू जी खुश थे कि हिन्दी कि परीक्षा तो वे आसानी से पास कर लेगे।
मायावती जी को कहा गया लिखो – “कुत्ता बोला भौ भौ “ उन्होने आसानी से लिख दिया। आडवाणी जी को कहा गया लिखो – “चिडिया बोली ची ची “ उन्होने भी आसानी से लिख दिया। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी को कहा गया लिखो – “ गधा दौडा तबडक तबडक”। दूबारा कठिन सवाल पूछा गया, इस बार भी फेल ।
लालू जी अब भी खुश न थे । इतिहास के छात्र होने के कारण लालू जी ने अन्तिम परीक्षा इतिहास विषय पर लेने को कहा । यमराज मान गये चलो लालू जी को एक अन्तिम मौका दे देते है लेकिन उन्होने लालू जी को बता दिया कि इसके बाद कोई अन्य परीक्षा नही होगी और लालू जी को इस परीक्षा का निर्णय मानना हि पडेगा।
मायावती जी से पूछा गया – भारत देश कब आजाद हुआ ? उन्होने उतर दिया महाराज 1947 मे। इस परीक्षा मे भी पास। आडवाणी जी से पूछा गया – जलियावाला बाग कत्लेआम के लिये कौन जिम्मेदार था? उन्होने उतर दिया महाराज जनरल डायर। वे भी इस परीक्षा मे भी पास। अब बारी लालू जी कि थी। लालू जी से पूछा गया - आप उन सभी लोगो के नाम बताओ जो जलियावाला बाग कत्लेआम मे मारे गये ?
लालू जी ने अपनी हार स्वीकार कर ली और नरक मे चल दिये ।
शिक्षा : अगर आपके बास को लगता है आपका दिमाग ठिक से काम नही करता है तो आपको इस तथ्य को स्वीकारना ही होगा और भविष्य मे आने वाले बदलावो के लिये तैयार रहना पडेगा । इस तथ्य से भागने का कोई तरीका नही है।
अंग्रेजी (English ) मे पढने के लिये यहा किलक करे ।
yani swarg mein bhi bhed-bhav hai.
जवाब देंहटाएंacha hua, aap ne pehle hi bata diya. Is mahatvapurna jaankari se, bahut se log suicide karne se bach gaye.