शनिवार, फ़रवरी 05, 2011

बाँस की धुनाई - तनाव से मुक्ति

नमस्कार मित्रो,
आज आफिस मे बाँस से चीक-चीक हो गई, सोचा आज दो दो हाथ हो हि जाये पर कुछ सोच कर रुक गये। हमारे मित्र ने कहा आफिस के बाहर चलते है एक एक सुटा मारते है और दो चार चमाकोभादर टाइप की गाली देते है। तनाव से मुक्ति तो नही पर हा कुछ राहत जरुर मिलेगी। हम सोचे भईया यहा रहे तो पारा ओर बढ सकता है, जो कि सेहत और मेरे लिये सुखदाइ तो होगा नही भलाई इसी मे है कि निकल ले यहा से और वेसे भी ट्राइ करने मे क्या जाता है। चल दिये अपने गंतव्य कि दिशा मे । सुटा मार लिया चमाकोभादर tटाइप की गाली भी दे दी पर तनाव से मुक्ति नही मिली। आ गये नरक रुपी कार्यस्थल कि ओर । इन्ट्नेट मे सुझाव कि तलाश मे मसगुल हो गये । कुछ ये कह रहे थे कुछ वो करने को कह रहे। कुछ ने ओनलाइन गेम खेलने कि सलाह दि तो कुछ ने योग द्वारा तनाव से मुक्ति की । सोचा योग तो हमसे हो ने से रहा ओनलाइन गेम ही खेल लिये जाये । दो चार गेम पे हाथ मारा। आप भी खेल सकते है।

यहा किलक करे

यहा किलक करे


तनाव कुछ कम हुआ पर पुर्णतया समाप्त नही हुआ। फिर कुछ नया तलाशने लगे।

फिर ये ट्राइ किया ,

कुछ राहत मिली पर ये तनाव जाने का नाम ही नही ले रहा था। फिर कुछ नया तलाशने लगे। अंत मे सफलता मिल हि गई, मिलती भी क्यो ना, इतनी मक्कत जो कर रहे थे।

आप भी ट्राइ कर सकते है। यहा किलक करे और बाँस कि चीक-चीक सुन कर होने वाले तनाव से मुक्ति पाये।

थोडा इंतजार करना पड सकता है, सफलता पाने के लिये क्योकि भइया अभी 2G मे ही जी रहे है।

नोट : अगर आप पुर्णतया संन्तुष्ट हुये हो तो अपनी आन्न्दमई टिप्प्णी से जरुर नवाजे

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